Posts

Showing posts from 2017

आहिस्ता चल ऐ जिंदगी

आहिस्ता  चल ऐ  जिंदगी *आहिस्ता  चल  जिंदगी,अभी* *कई  कर्ज  चुकाना  बाकी  है* *कुछ  दर्द  मिटाना   बाकी  है* *कुछ   फर्ज निभाना  बाकी है*                    *रफ़्तार  में तेरे  चलने से*                    *कुछ रूठ गए कुछ छूट गए*                    *रूठों को मनाना बाकी है*                    *रोतों को हँसाना बाकी है* *कुछ रिश्ते बनकर ,टूट गए* *कुछ जुड़ते -जुड़ते छूट गए* *उन टूटे -छूटे रिश्तों के* *जख्मों को मिटाना बाकी है*                     *कुछ हसरतें अभी  अधूरी हैं*                     *कुछ काम भी और जरूरी हैं*                     *जी...

सावधान छत्तीसगढ़

*सावधान छत्तीसगढ़* (गुजरात परिणाम के मद्देनजर छत्तीसगढ़ सरकार को आगाह करती कविता) गौर करो मुखिया जी अब तो अगली जंग तुम्हारी है चौथी पारी जीत सकोगे क्या इसकी तैयारी है। चिंतन कर लेना बातों पर फिर न कोई मलाल रहे ध्यान रखो गुजरात जैसा न छत्तीसगढ़ का हाल रहे। वो घर मोदी जी का था पर टक्कर कितनी भारी थी हार मिले उनको अपने घर कर रक्खी तैयारी थी। राजयोग का जोर चला यूँ मोदी भैया जीत गये लेकिन परिणामों से बोलो कितना क्या हम सीख गये घर का बेटा हूं बतलाकर अपनी लाज बचाई है सबक सीख लो इन बातों से अपनी बारी आई है कितनेे वादे कितने जुमले आप जिया में पाल रहे छत्तीसगढ़ के जन गण सारे  हरपल क्या खुशहाल रहे। कम मत आंकों तुम किसान को और बेरोजगारों को भूलकर भी कम न आंको अब शिक्षक के परिवारों को। मदिरा बिक्री के निर्णय से जनता क्रोधित दिखती है किस प्रदेश में यूँ सरकारी मदिरा ऐसे बिकती है। कलमकार की पीड़ा भी क्यूं समझ न तुमको आयी है दूजे राज्य की रचनायें क्यूं तुमको इतनी भायी है पीड़ा तुमको नहीं है दिखती अपने रचनाकारों की अपने घर में ही धूमिल है इज्जत इन बेचारों की कलमकार ...

क्या होता है, जब उबलते दूध में जब डाली जाती हैं तुलसी की पत्तियाँ

उबलते दूध में जब डाली जाती हैं तुलसी की पत्तियाँ, तो होता है चमत्कार Tulsi with Milk घरेलू नुस्खे बिना किसी साइड इफेक्ट के कई बीमारियों को दूर करते हैं। पीढि़यों से चले आ रहे ये नुस्खे हमेशा से फायदेमंद साबित हुए है और शायद आगे भी होते रहेंगे। ऐसे ही कुछ टिप्स तुलसी को लेकर भी है। तुलसी एक ऐसा हर्ब है जो कई समस्याओं को आसानी से दूर कर सकती है। सर्दी जुकाम हो या सिरदर्द तुलसी का काढ़ा बनाकर पीने से लाभ मिलता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि तुलसी को अगर दूध के साथ मिला लिया जाये तो ये कई बीमारियों के लिए रामबाण साबित होती है। आज हम आपको बता रहे हैं कैसे तुलसी की तीन से चार पत्तियां उबलते हुए दूध में डालकर खाली पेट पीने से आप सेहतमंद रह सकते हैं। किडनी की पथरी में यदि किडनी में पथरी की समस्या हो गई हो और पहले दौर में आपको इसका पता चलता है तो तुलसी वाला दूध का सेवन सुबह खाली पेट करना शुरू कर दें। इस उपाय से कुछ ही दिनों में किडनी की पथरी गलकर निकल जाएगी। आपको इस समस्या से छुटकारा मिल जाएगा। दिल की बीमारी में यदि घर में किसी को दिल से सबंधित कोई बीमारी है या हार्ट अटैक पड़ा हो तो...

शासकीय स्कूलों को निजीकरण होने से बचाना है, संविलियन कराके ही वापिस आना है।

Image
जनता को जागरूक होना जरूरी है, क्योंकि यदि सरकार शिक्षाकर्मियों का संविलयन नहीं करती है तो चुनाव के बाद सभी स्कूलों का निजीकरण कर दिया जायेगा। फिर NGO के माध्यम से    सरकारी खजाने को लूटा जाएगा। देख लेना अभी शिक्षा विभाग के लिये बजट में जितना राशि स्वीकृत किया जाता है उसमें कितना गुना वृद्धि होगा।.....याद रखना

मिशन संविलियन #morcha2017

Image
              यह लड़ाई शिक्षाकर्मीयों की लड़ाई मत समझे इसमे सबसे बड़ा षडयन्त्र है। हमे सरकार के द्वारा गलत संदेश दिया जा रहा है। समाज मे शिक्षक पद समाप्त कर गुरू के गरीमा को खत्म किया जा रहा है। आने वाला समय  किसान, मजदूर, गरीब का बच्चा शिक्षक नहीं बनेगा, शिक्षाकर्मी बनेगा। नेता और मंत्री का बेटा डॉक्टर, ईन्जिनियर, कलेक्टर बनेगा। शिक्षक राष्ट्र का निर्माता है,भविष्य गड़ता है, अपने बच्चो के साथ–साथ गरीब, किसान, मजदूर का बेटा को  गड़ता है और नेता सिर्फ भष्ट्राचार के शिवाय कुछ नहीं करता। शिक्षकों के प्रति कभी गलत सोच न रखे, आपको भी किसी न किसी शिक्षक ने ही शिक्षा दिया होगा, उनकी समस्या को समझे  टिप्पणी न करें। ये सिर्फ शिक्षाकर्मीयों की लड़ाई नहीं है, शिक्षक, समाज का महत्त्वपूर्ण अंग है। शिक्षक कमजोर होगा तो समाज कमजोर होगा। शिक्षक स्कूल तक सीमित नहीं है, शिक्षाकर्मीयों की लड़ाई वेतन बढ़ाने की लड़ाई नहीं है, ये लड़ाई सम्मान की लड़ाई है। आप समर्थन करें और अपने भविष्य को मजबूत बनाये । धन्यवाद!

जि.पं. कबीरधाम उपाध्यक्ष (श्रीमती सीमा अगम अनन्त) द्वारा शिक्षक पंचायत संवर्ग को पूर्ण समर्थन

आज दिनांक 29/11/2017 को जिला पंचायत कबीरधाम की उपाध्यक्ष महोदया श्रीमती सीमा अगम अनन्त द्वारा कवर्धा ब्लॉक के धरना स्थल में पहुँचकर मोर्चा के आंदोलन में अपना समर्थन प्रदान किया। साथ ही सीईओ जि. पं. कबीरधाम द्वारा की जा रही कार्यवाही को अनुचित करार दिया। उन्होंने कहा की सामान्य प्रशासन समिति में शिक्षक पंचायत संवर्ग के विरूद्ध कोई भी कार्यवाही पास नहीं होने देंगे। अपने न्यायोचित मांग के लिये शिक्षको को अपने आंदोलन में डटे रहने कहा।

RSS ने शिक्षक(पं)संवर्ग के मांगो को निराकृत करने हेतु शासन पर बनाया दबाव

Image
आम शिक्षक(पं)एकता मंच  के संचालक गण RSS प्रमुखो के सम्पर्क में संघ ने शिक्षक(पं)के मांगो को निराकृत करने हेतु शासन पर बनाया दबाव          छ ग.आम शिक्षक(पं/ननि)सवर्ग कर्मचारी एकता मंच के संचालक श्री कमलेश्वर सिंह RSS प्रमुखो से सतत् सम्पर्क बनाये हुए है तथा शिक्षक(पं) की महत्वपूर्ण मांगो को पूर्ण करने हेतु शासन को सुझाव प्रेषित करने का निवेदन कर रहे है। सूत्रो की माने तो रास्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख पदाधिकारियो की राज्य शासन के कुछ सचिव एवम् मंत्रियो से प्रारम्भिक चर्चा हो गयी है जिसमे सम्मानजनक समाधान करने के संकेत मिले है । श्री सिंह के अनुसार  आम शिक्षक(पं) एकता मंच शीघ्र ही एक दो संघ प्रमुखो से सम्पर्क कर चर्चा की जायेगी । भाजपा के कुछ प्रभावशाली राजनीतिज्ञो से सम्पर्क किये जा रहे है तथा कुछ केबिनेट स्तर के मंत्री एवम् सचिव से मिलकर अपना पक्ष रखेंगे ताकि हमारी महत्वपूर्ण मांगो के सम्बद्ध में आदेश जारी हो सके । शिक्षक(पं/ननि)साथियो हम सबका मिला जुला प्रयास निष्फल नही जायेगा । धन्यवाद! वन्दे मातरम्, जय हिन्द, जय भारत ।   ...

शासकीय स्कूलों की दयनीय स्थिति के लिए बहुत हद तक छत्तीसगढ़ की जनता ही जिम्मेदार है।

शासकीय स्कूलों की दयनीय स्थिति के लिए बहुत हद तक छत्तीसगढ़ की जनता ही जिम्मेदार है।       क्या कभी कोई भी व्यक्ति समूह अपने गांव के शासकीय स्कूल की व्यवस्था सुधारने के लिए कभी कोई आंदोलन किया है? जवाब है नहीं। क्यों करें उन्हें अपने बच्चों के भविष्य की चिंता ही नहीं है क्योंकि उनके आसपास फीस देकर पढ़ाने के लिए कोई ना कोई प्राइवेट स्कूल मिल ही जाता है अपनी  गाढ़ी कमाई खर्च करके प्राइवेट स्कूल में पढ़ाना मंजूर है लेकिन अपने गांव के शासकीय स्कूल की दशा सुधारने के लिए कोई कदम नहीं उठाना चाहते। क्योंकि उन्हें अपनी शक्तियों का पता ही नहीं, एक जनता की शक्ति का एक समाज की शक्ति का अगर पता रहता तो वह कोई कदम जरूर उठाता। जब तक इस प्रदेश का नागरिक जागरुक नहीं हो जाता तब तक यही स्थिति बनी रहेगी और शासन शोषण ही करते रहेगी चाहे कोई एक शिक्षक हो या किसान। यहां की सत्ता बाहरी लोगों के ही हाथ में जो यह नहीं चाहती कि यहां की जनता समझदार बने। छत्तीसगढ़ की जनता को यह बात समझनी होगी नहीं तो छत्तीसगढ़ियों का शोषण होते ही रहेगा। गहराई से विचार कीजिए।        ...

बिमारियों से आसानी से मुक्ति पाये

Image
बिमारियों से आसानी से मुक्ति सुबह और रात के भाेजन के बाद 1-1 लाैंग चूसें, कभी एसीडीटी नही हाेगी 125 ग्राम दही का मठ्ठा बनाकर उस मे 2 ग्राम अजवायन और काला नमक आधा ग्राम सभी काे पिसकर खाना खाने के पिने से गैस, कब्ज, वायुगाेला 2 हप्ते मे समाप्त हाेगा। धनिया, साैफ और जीरा सब काे समान मात्रा मे लेकर भून लें और इस मे थाेडा काला नमक डालकर सुबह दाेपहर रात काे मठ्ठे के साथ सेवन करने से अतीसार मे आराम हाेगा। पपीते की जड 6 ग्राम लेकर पत्थर पे घिस से उस के बाद इसे 50 मिली पानी मे घाेलकर राेगी काे पिला दे। सुबह शाम इस प्रयाेग काे 30 दिन करने से पथरी (Kidney stone) गलकर बाहर आएेगा। एक ग्लास मे छाछ लेकर उस मे आधा ग्राम पिसी हुई कालीमिर्च डालकर राेजाना एक हप्ते तक पिने से पांडुराेग या पीलिया (Jaundise) ठीक हाेगा। सूखे आवले का चुर्ण 4 ग्राम अथवा हरे आवले का रस 25 मिली दिन मे 3 बार सेवन करे इस प्रयाेग से सभी प्रकार के लिवर (Liver) की समस्या ठीक हाेगी। 2 ग्राम अजमाेद का चुर्ण 1 ग्राम सेंधा नमक के साथ लेने से तुरंत पेट दर्द मे लाभ हाेगा। जब भी मुत्र त्याग करे तब अपने मुत्र से बवासीर क...

जिला पंचायत कबीरधाम, सभापति द्वारा समर्थन पत्र

Image
जिला पंचायत कबीरधाम के उपाध्यक्ष महोदया श्री मति सीमा अगम अनन्त, सभापति मन्नू चंद्रवंशी एवं लालचंद साहू सभापति आज बोड़ला ब्लॉक धरना स्थल में समर्थन एवं खुला मंच से कहा हम लोग आप लोगो के साथ है। किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाही नही होने का आश्वाशन दिया और आप लोंगो की मांग जायज है। बैठक में हम लोगो के पक्ष में प्रस्ताव पारित करने की बात कही।

छत्तीसगढ़ के कांग्रेस अध्यक्ष श्री भूपेश बघेल का उद्बोधन

श्री भूपेश बघेल ने अपनी सत्ता आने पर शिक्षाकर्मियों की समस्त मांगों को पूरा करते हुए संविलियन करने की घोषणा की है। अब यह तो समय ही बताएगा।

हमारा संविधान

Image
        "हमारा संविधान" इस जहां कि सबसे बड़ा वरदान उसे कहते हैं भारत का संविधान इसमें हर   समश्या का समाधान उसे कहतें हैं भारत का संविधान.. हर जात पांत का मिटाये निशान कराती मानव मानव की पहेचान बतलाती काम दाम   एक समान उसे कहते हैं भारत का संविधान कानूनी उपचार यहां मिले समान सिखलाती  हमको जीना हैं शान जो  नीत पढ़े वो बन जायें महान उसे कहतें हैं भारत का संविधान भाई चारे बंधुत्व का कराती ग्यान समानता से बढ़ती  हैसबका मान इसमें   हर  समश्या का समाधान उसे  कहते हैं भारत  का संविधान प्रस्तावना में प्रतित गुंथी परिधान कर संकल्प.  हमं  रखलें संग्यान यह सत्य परम सत्य जैसे विग्यान उसे कहते हैं भारत का संविधान         

हक की लड़ाई

Image
मुड़ म कफन बाँध लो भाई हक ल हमला पाना हे मर जाबो के सर जाबो जी आधू कदम बढ़ाना हे ।।। संसो नी हे मरे जिये के सच के संग गोठियाना हे अपन हक ल पाये बर आधू आधू जाना हे ।। कोन कतके बेईमान हाबे हमला का करना हे जी कोन का करम करत हे हमला शरम नी करना जी हमर हक के बात करबो हमला हक ल पाना हे मुड़ म कफन बाँध लो भाई हक ल हमला पाना हे ।। माँगत माँगत मंगता होगेन सब के नजर म बदनाम हम जोन तोन का मरहा खुरहा सबके सहिथन अपमान हम नी डरावन बानी बाता करबो हक के काम हम मुड़ म कफन बाँध लो भाई हक ल हमला पाना है ।।। चारी चुगरी लिगरी लाखर झन करो ग आपस म  कोन बेचागे मोलवा म झन गोठियाओ आपस म सबके एक ईमान नी होय हमला अपन ईमान बचाना हे मुड़ म कफन बाँध लो भाई हक ल हमला पाना हे ।।। हमरो साथी सब सत नी हाबे जानत हन हम मानत हन गलत सलत ल सजा देवव हम सत के हक ल माँगत हन मुड़ म कफन बाँध लो भाई हक ल हमला पाना हे ।।। हड़ताली शिक्षा कर्मीयो को समर्पित ।।।

सोशल मीडिया का दौर और शिक्षाकर्मी आंदोलन

Image
सोशल मीडिया का दौर और शिक्षाकर्मी आंदोलन वक़्त रहते मौके की नजाकत को समझ लिया जाय तो यही राजनीति में उत्तम नीति  कहलाती है। शिक्षा कर्मियों के आंदोलन में यही भूपेश बधेल, अजित जोगी ने अपना समर्थन देकर किया है।....बात अलग है कि सत्ता में रहते हुए क्या किया बताने वाली बात नही है।.... कभी शिक्षा कर्मियों की मांगों का समर्थन सूबे के मुखिया सहित तमाम बड़े नेता जो आज मंत्री है उन्होंने भी किया है।.....उनका समर्थन पत्र आज मीडिया सहित सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। वही वर्तमान में समर्थन देने वाले भी शिक्षा कर्मियों के बीच काफी लोकप्रिय हो रहे है। भाजपा के थिंक टैंक और सोशल मीडिया पर  पैनी नज़र रखने वाले  इस शिक्षा कर्मियों के मुद्दे को कितनी गंभीरता से ले रहे है।ये उनके चिंतन का विषय है। प्रदेश की लगभग दो करोड़ पचपन लाख की जनसँख्या में एक लाख अस्सी हजार खुद शिक्षा कर्मी भी शामिल है।और ये प्रदेश के बीस हजार दो सौ सन्तावन सिर्फ़ गांव के लाखों स्कूली छात्रो को पढ़ाने भी जाते है। जबकि स्कूलो की संख्या तो पचास हजार के पार है। यही लाखो शिक्षाकर्मी छात्रों को एक पढ़ाई लिखाई के...

साढ़े तीन मिनिट: डॉक्टर की सलाह!

Image
साढ़े तीन मिनिट: डॉक्टर की सलाह!        डॉ.के.पी.सिंह(Goldmedalist)        कैंसर रोग विशेषज्ञ        दिल्ली               *जिन्हें सुबह या रात में सोते समय  पेशाब करने जाना पड़ता हैं उनके लिए विशेष सूचना!!*         हर एक व्यक्ति को इसी साढ़े तीन मिनिट में सावधानी बरतनी चाहिए। *यह इतना महत्व पूर्ण क्यों है?*         यही साढ़े तीन मिनिट अकस्माक होने वाली मौतों की संख्या कम कर सकते हैं।         जब जब ऐसी घटना हुई हैं, परिणाम स्वरूप तंदुरुस्त व्यक्ति भी रात में ही मृत पाया गया हैं।         ऐसे लोगों के बारे में हम कहते हैं, कि कल ही हमने इनसे बात की थी। ऐसा अचानक क्या हुआ? यह कैसे मर गया?        इसका मुख्य कारण यह है कि रात मे जब भी हम मूत्र विसर्जन के लिए जाते हैं, तब अचनाक या ताबड़तोब उठते हैं, परिणाम स्वरूप मस्तिष्क तक रक्त नही पहुंचता है।        यह साढ़े...

आदत और ग्रह विचार

*आदत और ग्रह विचार* यदि आप अपनी आदत बदलते हैं तो ग्रह भी सुधरने लगते हैं। 1- यदि आप मंदिर की या किसी धर्म स्थान की सफाई करते हैं तो ऐसे करने से आपके गुरु ग्रह अच्छे होते हैं और अच्छे फल देने लगते हैं। 2- यदि आप अपने जुठे बर्तन उठाकर उन्हें उनके सही स्थान में रखते हैं या धो देते हैं तो ऐसा करने से चन्द्रमा और शनि अच्छे फल देते हैं। 3- देर रात जागने से चन्द्रमा बुरे फल देने लगते हैं। इसीलिए आप जल्दी सोने की आदत डाल लेते हैं तो चंद्रमा शुभ फल देने लगता है। 4- यदि कोई बाहर से आये और आप उसे स्वच्छ पानी पिलाते हैं तो ऐसा करने से राहु ठीक होता है, और बुरे प्रभाव नहीं देता। 5- यदि आप स्त्रियों और पत्नी का सम्मान और इज़्ज़त करते हैं तो आपका शुक्र खुदबखुद अच्छा होता चला जाता है। 6- पिता और पिता तुल्य आदमियों की सेवा करने से सूर्य के दोष दूर होते हैं। 7- लाल गाय की सेवा करने से घर में आये मेहमानो को शर्बद पिलाने और मीठा खिलाने से मंगल के दोष दूर होते हैं। 8- छोटे बच्चों को खुश रखने से बुआ बहन से सम्बन्ध अच्छे रखने से बुध मजबूत रहते हैं। 9- कव्वों को भोजन देने से, मजदूर और नौकर...

Morcha2017

विद्यार्थियों का समर्थन *हमारी शिक्षकों की मांगे पूरी करें*

एक सवाल

       बहुत लोगो के मन मे सवाल ये उठ रहा हैं कि शिक्षकों का आंदोलन उचित हैं या अनुचित? राज्य में जब भी वेतनमान की बढ़ोत्तरी होती हैं तो शिक्षाकर्मी को ही क्यो वेतन विसंगति का सामना करना पड़ता हैं?  जबकि समाजिक दृश्टिकोण से शिक्षा, और शिक्षकों का ही महत्व समाज मे प्रथम हैं। फिर भी इनकी समस्याओ और वेतन पर सुधार इनके उग्र आंदोलन के बाद ही होता हैं। इसके पीछे राजनीतिक वजह भी हैं। आजकल वोट बैंक किसी समुदाय से लेने के लिए एक पूरे समुदाय की मुख्य मांग को प्रभावित करने के उपरांत उस आंदोलन के जरिए, पूरी की जाने वाली सरकारी मांग से सत्ताधिन सरकार को लाभान्वित करते आई हैं। उत्तरप्रदेश में शिक्षामित्रों को भी चुनाव के समय तमाम वादे किए गए थे। किंतु सरकार बनने के बाद भी वो आंदोलन करने अभी भी सड़को पर है। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का हवाला चुनाव के बाद दिया जाता है, चुनाव के पहले उनके मेनिफेस्टो में उनकी तमाम मांगो को तवज्जो दिया जाता हैं। मतलब मौक़ापरस्त वादों से भी समस्या जस की तस बनाने एक माहौल बनाया ही जा रहा हैं। जब से शिक्षा का निजीकरण हुवा हैं। शिक्षा 2 स्तरों में ...

मोर्चा2017

Image
रायपुर। शिक्षाकर्मियों पर हड़ताल में बैठते ही जैसे ही सरकार के प्रवक्ता यह आरोप लगाने लगे है कि, शिक्षाकर्मियों की मांग नाजायज है और वह सरकार को हड़ताल के जरिए ब्लैकमेल कर रहे हैं। वहीं सोशल मीडिया में वे सारे पत्र जो कभी विपक्ष में रहते हुए भाजपा के विधायक, सांसद या फिर प्रतिनिधियों ने तत्कालीन सरकार को जारी किए थे वे वायरल होने लगे हैं। और अब इसी के आधार पर शिक्षाकर्मियों का कहना है कि आप ही ने जब हमें समान काम-समान वेतनमान, शासकीयकरण और संविलियन जैसे वादे किए थे तो फिर जब हम आपसे ही आपकी कही बात पूरी करने के लिए कह रहे हैं तो फिर उसमें गलत क्या है? आपको बता दें कि तात्कालीन समय विपक्ष में रहते हुए भाजपा के नेताओं ने शिक्षाकर्मियों की सभी मांगों का जायज बताया था,  यही कारण था कि विपक्ष के दायित्व का निर्वहन करते हुए उन्होंने खुलकर शिक्षाकर्मियों के समर्थन में पत्र जारी किया था। समय गुजर गया,भाजपा की सरकार बन गई, लेकिन शिक्षाकर्मियों ने वह सारे पत्र संभाल कर रखे थे और अब धीरे-धीरे उनके पिटारे से यह सभी पत्र निकल रहे हैं। इन पत्रों में उस समय के नेता प्रतिपक्ष नंदकुमार साय, सां...

पालकों के नाम संदेश

Image
*विनम्र निवेदन* आदरणीय पालको,,प्रिय विद्यार्थियों, आप सब के मन मे ये बात होगी कि क्यो हम शिक्षाकर्मी विद्यार्थियों को पढ़ना छोड़कर हड़ताल कर रहे है?? किसी किसी के मन मे हम लोगो के प्रति क्रोध के भाव भी आ रहे होंगे कि हमे विद्यार्थियों के भविष्य की कोई चिंता नही है, इस प्रकार के भ्रामक प्रचार भी बड़े जोरशोर से कुछ लोगो द्वारा किया जा रहा है। *उनका उद्देश्य सही तथ्य को छुपाकर भ्रामक प्रचार कर पालक विद्यार्थी और शिक्षक के पवित्र व अटूट संबंध को तोड़ना ही है।*  मैं इसी संदर्भ में अपने विचार,मन की पीड़ा को आपके समक्ष रखना चाहता हु इस विश्वास के साथ कि आप अपने गुरुजनों को समझ पाएंगे। आप सभी भलीभांति जानते है,अनुभव भी करते है कि अपने कर्तव्यपालन में हमारी पूरी निष्ठा रहती है,कही कोई कमी नही करते अपितु विद्यार्थियों के हित के लिए अपना तन मन धन लगा कर सम्पूर्ण प्रयास करते है।उसके बाद भी हमे शासन एक ही विद्यालय में शिक्षक न् कहकर शिक्षाकर्मी,पंचायत कर्मी कहती है,जबकि उतना ही कार्य और कही कही पर हमसे कम भी समर्पण दिखाने वाले को शिक्षक कहती है। हमे *शासन कहती है कि हम उनके कर्मचा...

किल्लीना रथ विठल मंदिर और पचास रुपये का नया नोट

Image
आपने पचास रुपये का नया नोट देखा होगा अगर देखा हो भी तो पुनः देखें, नोट पर जो चित्र छपा हुआ है वह है,किल्लीना रथ विठल मंदिर का है, जाने मंदिर के बारे में,,,, मंदिर परिसर में मौजूद पत्थर का रथ पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण है। यह रथ खास है। बेहद वजनी होने के वावजूद पत्थर के बने पहियों की मदद से इसे स्थानांतरित भी किया जा सकता है। भारत के गौरवशाली इतिहास को भारत की मुद्रा पर स्थान देने के लिए मोदी सरकार को बधाई व् उनका अभिनंदन.... प्रसिद्ध मध्यकालीन विजयनगर राज्य के खंडहर हम्पी के निकट विशाल खंडहरों के रूप में पड़े हुए हैं।  कहते हैं कि 'पम्पपति' के कारण ही इस स्थान का नाम हम्पी हुआ है। स्थानीय लोग 'प' का उच्चारण 'ह' कहते हैं और 'पंपपति' को 'हम्पपति' (हंपपथी) कहते हैं। हम्पी 'हम्पपति' का ही लघुरूप है। यह माना जाता है कि एक समय में हम्पी रोम से भी समृद्ध नगर था। प्रसिद्ध मध्यकालीन विजयनगर राज्य के खण्डहर वर्तमान हम्पी में मौजूद हैं। इस साम्राज्य की राजधानी के खण्डहर संसार को यह घोषित करते हैं कि इसके गौरव के दिनों में स्वदेशी...

आगाज़

आगाज़ मोदी : - अरे ओ रमन कितने आदमी थे? रमन : - अकेला ही था मोदी : - और तुम रमन : - पूरा कैबिनेट था मोदी : - वो अकेला और तुम्हारा पूरा कैबिनेट, फिर भी भयभीत होकर भाग आए रमन : - वो सब से अलग था मोदी : - मुझे उसकी पहचान बताओ रमन :- सरकार उसके हाथ में चाक, पाकिट में कलम और साधारण कपड़े पहने हुए था मोदी :- ओ तेरी कि, तुमने मेरा नाम तो नहीं बताया होगा ना रमन :-  नहीं, मगर आप इतना चौंक क्यूँ गए मोदी :- अरे यहाँ से जल्दी भागो रमन :- मगर क्यूँ सरकार मोदी :- अरे भागो .. तुमने शिक्षाकर्मी को छेड़ दिया है रमन :-  मगर वो साधारण शिक्षाकर्मी है मोदी :- अरे शिक्षाकर्मी कोई साधारण मानव नहीं है और उसके साथ पूरा यूनियन है। खुद एक काल है , वेद है , शास्त्र है , समय है और एक अमिट अपार शक्ति है .. रमन :- सरकार वो शुरूआत में तो हाथ जोड़ कर अनुनय विनय कर रहा था मगर जब हमने जबरदस्ती की तो शालाओं में ताला बंदी करवाने की धमकी दे रहा है वो शक्ल से बहुत ही शांत और साधारण लग रहा था मोदी :- अरे क्रांति हमेशा वो ही लाते हैं जो शांति प्रिय होते हैं.. यूँ धूल तो झूंड भी...

एक आंदोलन ऐसा भी

Image
लोग पूछ रहे -आंदोलन ऐसा भी होता है गांव में चौपाल के निकट अध्यापकों ने दो गायें बांध दी. एक को थोड़ा - सा सूखा भूसा डाल दिया और दूसरे को हरा- हरा चारा. ग्रामीण भौचक ये सब देख रहे थे. एक ने पूछ लिया-" मास्साब, ये क्या कर रहे ? एक को हरा चारा और दूजे को थोड़ा सा सूखा भूसा? " मास्साब ने कोई जवाब नहीं दिया.उसने हाथ जोड़कर केवल विनती की कि आप तो इन गायों को देखते रहो.ये गायें क्या करती हैं? जिस गाय को हरा चारा मिला था वो तो मस्त मजे से मुंह भरकर चारे खा रही थी और जिसे भूसा डाला गया था, वो बार-बार हरे चारे की तरफ लपकने की कोशिश करती पर रस्सी से जकड़े जाने के कारण उसका थूथन वहां तक नहीं पहुंचता. थक हारकर उस मास्साब की तरफ देखती जिन्होंने दूसरी को हरा चारा डाला था और इसको थोड़ा सा सूखा भूसा. ग्रामीणों को गायों से बड़ा प्यार होता है.एक से रहा नहीं नहीं गया , वे मास्साब पर बरस पड़े- " ये क्या कर रहे मास्साब? एक को हरा चारा डाल दिया और दूसरे को थोड़ा सा सूखा भूसा? यदि आपको ऐसा ही करना था तो इनको पास- पास नही बांधना था. ताकि हरा चारा देखकर उसको अपने सूखे भूसे पर तरस ते नही...

*कर्म भोग-प्रारब्ध*

Image
*कर्म भोग-प्रारब्ध* *एक गाँव में एक किसान रहता था उसके परिवार* *में उसकी पत्नी और एक लड़का था।कुछ सालों के बाद पत्नी मृत्यु हो गई उस समय लड़के की उम्र दस साल थी किसान ने दुसरी शादी कर ली*। *उस दुसरी पत्नी से भी किसान को एक पुत्र प्राप्त हुआ।किसान की दुसरी पत्नी की भी कुछ समय बाद मृत्यु हो गई*। *किसान का बड़ा बेटा जो पहली पत्नी से प्राप्त हुआ था जब शादी के योग्य हुआ तब किसान ने बड़े बेटे की शादी कर दी।फिर किसान की भी कुछ समय बाद मृत्यु हो गई*। *किसान का छोटा बेटा जो दुसरी पत्नी से प्राप्त हुआ था और पहली पत्नी से प्राप्त बड़ा बेटा दोनो साथ साथ रहते थे*। *कुछ टाईम बाद किसान के छोटे लड़के की तबीयत खराब रहने लगी*। *बड़े भाई ने कुछ आस पास के वैद्यों से ईलाज* *करवाया पर कोई राहत ना मिली।छोटे भाई की दिन पर दिन तबीयत बिगड़ी जा रही थी और बहुत खर्च भी हो रहा था*। *एक दिन बड़े भाई ने अपनी पत्नी से सलाह की, यदि ये छोटा भाई मर जाऐ तो हमें इसके ईलाज के लिऐ पैसा खर्च ना करना पड़ेगा*। *तब उसकी पत्नी ने कहा: कि क्यों न किसी वैद्य से बात करके इसे जहर दे दिया जाऐ किसी को पता भी ना चलेगा कोई...

विभिन्न युग में मनुष्य की लम्बाई

Image
सतयुग में 32 फिट होती थी मनुष्य की लंबाई, जानिए चार-युग और उनकी विशेषताएं बताया जाता है कि 'त्रेतायुग' में मनुष्य की आयु 10,000 वर्ष होती थी। कलियुग में मनुष्य की लम्बाई – 5.5 फिट बताई गई है। ‘युग’ शब्द का अर्थ होता है एक निर्धारित संख्या के वर्षों की काल-अवधि। जैसे सत्ययुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग, कलियुग आदि। आज में हम चारों युगों का वर्णन करेंगें। युग वर्णन से तात्पर्य है कि उस युग में किस प्रकार से व्यक्ति का जीवन, आयु, ऊँचाई, एवं उनमें होने वाले अवतारों के बारे में विस्तार से परिचय देना। प्रत्येक युग के वर्ष प्रमाण और उनकी विस्तृत जानकारी कुछ इस तरह है – सत्ययुग- यह प्रथम युग है इस युग की विशेषताएं इस प्रकार है – इस युग की पूर्ण आयु अर्थात् कालावधि – 17,28,000 वर्ष होती है। इस युग में मनुष्य की आयु – 1,00,000 वर्ष होती है । मनुष्य की लम्बाई – 32 फिट (लगभग) [21 हाथ] सत्ययुग का तीर्थ – पुष्कर है । इस युग में पाप की मात्र – 0 विश्वा अर्थात् (0%) होती है । इस युग में पुण्य की मात्रा – 20 विश्वा अर्थात् (100%) होती है । इस युग के अवतार – मत्स्य, कूर्म, वाराह, नृसि...

जौहर स्थल

Image
वीरांगनाओं की चीखें आज भी सुनायी देती है !! **************************************** चित्र में जो दिख रहा है यही वो असंख्य नमन करने वाला स्थल है जिसमें माँ पद्मावती ने धधकती ज्वाला कुंड छलांग लगाई थी।  चित्तौड़गढ़ के किले में आज उस कुंड की ओर जाने वाला रास्ता बेहद अंधेरे वाला है जिसपर कोई जाने का साहस नहीं करता । उस रास्ते की दीवारों तथा कई गज दूर भवनों में आज भी कुंड की अग्नि के चिन्ह और उष्णता अनुभव किया जा सकता है । विशाल अग्निकुंड की ताप से दीवारों पर चढ़े हुए चूने के प्लास्टर जल चुके हैं। चित्र में  कुंड के समीप जो दरवाज़ा दिख रहा है कहा जाता है की माँ पद्मावती वहीँ से कुंड में कूद गयी थी। स्थानीय लोग आज भी विश्वास के साथ कहते हैं कि इस कुंड से चीखें यदा-कदा सुनायी पड़ती रहती है और सैंकड़ों वीरांगनाओं की आत्माएं आज भी इस कुंड में मौजूद हैं।  वो चीखें आज के युग में एक सबक है, "उन हिन्दू  बहनों , बेटियों के लिए जिन पर वर्तमान मलेक्ष खिलजियों की पैनी नज़र है। "  ये चीखें नहीं एक दहाड़ है , जो यह कहता है कि ,"हे हिन्दू पुत्रियाँ हर युगों में इन खिलजियों से...

सुविचार

सुविचार *इंसान नीचे बैठा दौलत गिनता है* *कल इतनी थी – आज इतनी बढ गयी..* *ऊपर वाला हंसता है और इंसान की सांसे गिनता है…* *कल इतनी थीं – आज इतनी कम हो गयीं..* *"दुनियां के रैन बसेरे में..*    *पता नही कितने दिन रहना है,*        *"जीत लें सबके दिलों को..*   *बस यही जीवन का गहना है..!!"*               

सरलता

सरलता सरलता में महान सौंदर्य होता है । जो सरल है वह सत्य के समीप है ‪ *किसी का सरल स्वभाव उसकी कमज़ोरी नहीं होता है।* *संसार में पानी से सरल कुछ भी नहीं है, किन्तु उसका बहाव बड़ी से बड़ी चट्टान के भी टुकड़े कर देता है।*

सुविचार

Image
            *तालाब सदा कुँऐ से*             *सैंकड़ों गुना बड़ा होता*             *है फिर भी लोग कुँऐ का*             *ही पानी पीते हैं.,*             * क्योंकि कुँऐ में गहराई*             *और शुद्धता होती है...!*              * मनुष्य का बड़ा होना*              *अच्छी बात है., लेकिन*              *उसके व्यक्तित्व में*              *गहराई और विचारों में*              *शुद्धता भी होनी चाहिए*              *तभी वह महान बनता है...!!*                                           *शुभदिन...

सेहत के दोहे

           !!सेहत के दोहे!! पानी में गुड डालिए, बीत जाए जब रात! सुबह छानकर पीजिए, अच्छे हों हालात!! *धनिया की पत्ती मसल, बूंद नैन में डार!* दुखती अँखियां ठीक हों, पल लागे दो-चार!! *ऊर्जा मिलती है बहुत, पिएं गुनगुना नीर!* कब्ज खतम हो पेट की, मिट जाए हर पीर!! *प्रातः काल पानी पिएं, घूंट-घूंट कर आप!* बस दो-तीन गिलास है, हर औषधि का बाप!! *ठंडा पानी पियो मत, करता क्रूर प्रहार!* करे हाजमे का सदा, ये तो बंटाढार!! *भोजन करें धरती पर, अल्थी पल्थी मार!* चबा-चबा कर खाइए, वैद्य न झांकें द्वार!! *प्रातः काल फल रस लो, दुपहर लस्सी-छांस!* सदा रात में दूध पी, सभी रोग का नाश!! *प्रातः- दोपहर लीजिये, जब नियमित आहार!* तीस मिनट की नींद लो, रोग न आवें द्वार!! *भोजन करके रात में, घूमें कदम हजार!* डाक्टर, ओझा, वैद्य का , लुट जाए व्यापार !! *घूट-घूट पानी पियो, रह तनाव से दूर!* एसिडिटी, या मोटापा, होवें चकनाचूर!! *अर्थराइज या हार्निया, अपेंडिक्स का त्रास!* पानी पीजै बैठकर, कभी न आवें पास!! *रक्तचाप बढने लगे, तब मत सोचो भाय!* सौगंध राम की खाइ के, तुरत छोड ...

Tulsi vivaah

Image
                    "तुलसी बिहाव" ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ तुलसी रानी बिन्दा के,बिहाव करबो ओ। एकादशी मा दाई के,हियाव करबो ओ।। दुल्हा सालिक राम ला,देबो चलो नेवता। संग मा जम्मो देबी,आही जम्मो देवता।। अँगना मा खुशियार के,छाँव करबो ओ। तुलसी रानी बिन्दा के................... सुघ्घर ले मड़वा ,तोरन चउँक  बनाबो। तुलसी चौरा दीया बाती ,सेज लगाबो।। तेल हरदी चुनरी के ,ओढ़ाव करबो ओ। तुलसी रानी बिन्दा के................... सुपा सुपा फलाहारी,चना भाजी,बिही। माई पिला जुरे सबो,दाई अशीष दिही।। चिनहा  सुहागिन के,चढ़ाव करबो ओ। तुलसी रानी बिन्दा के....................

भूतनाथ कथा 7

Image
भूतनाथ कथा-7 शक्ति अंतर्ध्यान हुई.....शक्ति का संकेत पाते ही महादेव ने विष्णु को मोहिनी रुप की आज्ञा दी, उसी समय समुद्रमंथन भी हुआ और स्वयं महादेव ने भी एक बहुत ही सुंदर नग्न भिक्षु का रुप ले कर थरुकावनम की ओर चलने लगे और वहाँ पर मोहिनी को इंतजार करने को कहा, जैसे ही नग्न भिक्षु ने थरुकावनम मेँ  प्रवेश किया, मोहिनी भी आसक्त होकर उसका अनुसरण करने लगी  इतना सुंदर रुप था महादेव का, हरि हर की दिव्य जोड़ी इतनी सुंदर कि काम और रति भी कुछ नहीँ थे , नग्न भिक्षु को देखकर वो सारे स्त्री जिन्हे अपने रुप यौवन और पतिव्रता होने पर गर्व था सारी सुध-बुध खोकर भिक्षु के पीछे चलने लगे और इतने आसक्त होकर चलने लगे कि उनके परिधान (साड़ी) का ऊपर वाला भाग गिरकर धूल से सनने लगा और ठीक इसी तरह मोहनी के पीछे सारे गृहस्थ साधु भी आसक्त होकर चलने लगे और भिक्षु का आकर्षण तो था ही और समस्त जीव भी पीछे पीछे, कोई होश नहीँ और मार्यादा की सारी सीमा जैसे तोड़ने ही वाले हो, इस दृश्य को  सारे देवी देवता भी व्योम से देखने लगे, एक थी कूष्ण लीला जिसमेँ केवल कृष्ण ही पुरुष थे पर उस समय  शिव लीला थी जिसमेँ ...

सुविचार

जीवन को इतना शानदार बनाओ,की आपको याद करके किसी निराश व्यक्ति की आखों में भी चमक आ जाए..!!        💢 *आज का विचार*💢        ✍🏻... जब तक साँस है,           "टकराव" मिलता रहेगा।               जब तक रिश्ते हैं,            "घाव" मिलता रहेगा।            पीठ पीछे जो बोलते हैं,             उन्हें पीछे ही रहने दे।               अगर हमारे कर्म,        भावना और रास्ता सही है ..             🍂🍂तो,🍂🍂    गैरों से भी " लगाव " मिलता रहेगा..                  ¸.•*""*•.¸           🌹🎁🌹🎁🌹               🙏🏻सुप्रभात🙏🏻               🙏🏼🙏🏼 🙏🏼🙏🏼   ...

आर्थिक आज़ादी कैसे पाएं ?

Image
आर्थिक आज़ादी कैसे पाएं ? वित्तीय स्वतंत्रता प्रासंगिक नहीं है, लेकिन एक यात्रा जो कि समग्र धन प्रबंधन के नियंत्रण में होने के अनुशासित दृष्टिकोण से शुरू होती है। कुशलता से अपने पैसे का प्रबंधन एक कला है। अपनी आय, व्यय, निवेश और अन्य सभी चीजें जिसमें पैसा शामिल है और नवीनतम बाज़ार आंदोलनों के बारे में सूचित रहने पर नियंत्रण में है, वित्तीय स्वतंत्रता के कदम रखने वाले पत्थर हैं। निम्नलिखित रोडमैप है जो आपको स्वतंत्र होने और आपके वित्तीय आजादी का आनंद लेने के लिए पहुंचने और आनंद लेने के लिए प्रेरित करेगा - अपने नकदी प्रवाह को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करना : अपनी आय में वृद्धि करना संभव नहीं है लेकिन खर्चों को नियंत्रित करना निश्चित तौर पर आसान है। व्यय प्रबंधन बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है और यह स्वभाव में स्वैच्छिक खर्चों की पहचान करने के साथ शुरू हो सकता है और इसे नियंत्रित किया जा सकता है। हमको ऐसे खर्चों की पहचान करना चाहिए और एक सार्थक निवेश करने में उसी को चैनल बनाना चाहिए। मासिक व्यय पैटर्न में ऐसे व्यय का हिस्सा आम तौर पर 10 प्रतिशत या अधिक होता है यदि आप इन पहचान व...

ऐसे सीखें कुंडली देखना

ऐसे सीखें कुंडली देखना भारतीय ज्योतिष में किसी भी व्यक्ति का भूत, भविष्य और वर्तमान जानने के लिए जन्मकुंडली या प्रश्नकुंडली बनाने का प्रचलन है। इस कुंडली में 12 खाने होते ह...