मोर्चा2017


रायपुर। शिक्षाकर्मियों पर हड़ताल में बैठते ही जैसे ही सरकार के प्रवक्ता यह आरोप लगाने लगे है कि, शिक्षाकर्मियों की मांग नाजायज है और वह सरकार को हड़ताल के जरिए ब्लैकमेल कर रहे हैं। वहीं सोशल मीडिया में वे सारे पत्र जो कभी विपक्ष में रहते हुए भाजपा के विधायक, सांसद या फिर प्रतिनिधियों ने तत्कालीन सरकार को जारी किए थे वे वायरल होने लगे हैं। और अब इसी के आधार पर शिक्षाकर्मियों का कहना है कि आप ही ने जब हमें समान काम-समान वेतनमान, शासकीयकरण और संविलियन जैसे वादे किए थे तो फिर जब हम आपसे ही आपकी कही बात पूरी करने के लिए कह रहे हैं तो फिर उसमें गलत क्या है?

आपको बता दें कि तात्कालीन समय विपक्ष में रहते हुए भाजपा के नेताओं ने शिक्षाकर्मियों की सभी मांगों का जायज बताया था,  यही कारण था कि विपक्ष के दायित्व का निर्वहन करते हुए उन्होंने खुलकर शिक्षाकर्मियों के समर्थन में पत्र जारी किया था। समय गुजर गया,भाजपा की सरकार बन गई, लेकिन शिक्षाकर्मियों ने वह सारे पत्र संभाल कर रखे थे और अब धीरे-धीरे उनके पिटारे से यह सभी पत्र निकल रहे हैं। इन पत्रों में उस समय के नेता प्रतिपक्ष नंदकुमार साय, सांसद पुन्नूलाल मोहले, विधायक धरमलाल कौशिक, विधायक अजय चंद्राकर जो वर्तमान में पंचायत विभाग के मंत्री हैं और जिन्होंने शिक्षाकर्मियों के संविलियन की मांग को कल नाजायज बताया है के पत्र शामिल हैं। साथ ही भाजपा पार्टी के 2003 और 2008 के घोषणा पत्र भी हैं। हालांकि शिक्षाकर्मियों का अभी भी कहना है कि उन्हें मुख्यमंत्री पर पूरा विश्वास है और वे जानते हैं कि मुख्यमंत्री उनके हित में फैसला लेंगे पर जैसे ही पार्टी प्रवक्ताओं ने शिक्षाकर्मियों पर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाया और उनके संविलियन की मांगों को नाजायज बताया वैसे ही शिक्षाकर्मी रुष्ट हो गए और इसीलिए वह इन पत्रों को सामने रखकर अपना पक्ष स्पष्ट कर रहे हैं।

हमारी कोई भी मांग नाजायज नहीं

हमारी कोई भी मांग नाजायज नहीं है। जो हमसे वादे किए गए थे हम उन्हें ही पूरा करने की मांग कर रहे हैं। सरकार को चाहिए कि हमारे पक्ष में सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए तत्काल आदेश जारी करें।

 - संजय शर्मा,वीरेंद्र दुबे, केदार जैन,विकास राजपूत,चंद्र देव राय प्रदेश संचालक सदस्य,
छत्तीसगढ़ पंचायत एवं नगरीय निकाय मोर्चा

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