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शासकीय स्कूलों को निजीकरण होने से बचाना है, संविलियन कराके ही वापिस आना है।

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जनता को जागरूक होना जरूरी है, क्योंकि यदि सरकार शिक्षाकर्मियों का संविलयन नहीं करती है तो चुनाव के बाद सभी स्कूलों का निजीकरण कर दिया जायेगा। फिर NGO के माध्यम से    सरकारी खजाने को लूटा जाएगा। देख लेना अभी शिक्षा विभाग के लिये बजट में जितना राशि स्वीकृत किया जाता है उसमें कितना गुना वृद्धि होगा।.....याद रखना

मिशन संविलियन #morcha2017

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              यह लड़ाई शिक्षाकर्मीयों की लड़ाई मत समझे इसमे सबसे बड़ा षडयन्त्र है। हमे सरकार के द्वारा गलत संदेश दिया जा रहा है। समाज मे शिक्षक पद समाप्त कर गुरू के गरीमा को खत्म किया जा रहा है। आने वाला समय  किसान, मजदूर, गरीब का बच्चा शिक्षक नहीं बनेगा, शिक्षाकर्मी बनेगा। नेता और मंत्री का बेटा डॉक्टर, ईन्जिनियर, कलेक्टर बनेगा। शिक्षक राष्ट्र का निर्माता है,भविष्य गड़ता है, अपने बच्चो के साथ–साथ गरीब, किसान, मजदूर का बेटा को  गड़ता है और नेता सिर्फ भष्ट्राचार के शिवाय कुछ नहीं करता। शिक्षकों के प्रति कभी गलत सोच न रखे, आपको भी किसी न किसी शिक्षक ने ही शिक्षा दिया होगा, उनकी समस्या को समझे  टिप्पणी न करें। ये सिर्फ शिक्षाकर्मीयों की लड़ाई नहीं है, शिक्षक, समाज का महत्त्वपूर्ण अंग है। शिक्षक कमजोर होगा तो समाज कमजोर होगा। शिक्षक स्कूल तक सीमित नहीं है, शिक्षाकर्मीयों की लड़ाई वेतन बढ़ाने की लड़ाई नहीं है, ये लड़ाई सम्मान की लड़ाई है। आप समर्थन करें और अपने भविष्य को मजबूत बनाये । धन्यवाद!

जि.पं. कबीरधाम उपाध्यक्ष (श्रीमती सीमा अगम अनन्त) द्वारा शिक्षक पंचायत संवर्ग को पूर्ण समर्थन

आज दिनांक 29/11/2017 को जिला पंचायत कबीरधाम की उपाध्यक्ष महोदया श्रीमती सीमा अगम अनन्त द्वारा कवर्धा ब्लॉक के धरना स्थल में पहुँचकर मोर्चा के आंदोलन में अपना समर्थन प्रदान किया। साथ ही सीईओ जि. पं. कबीरधाम द्वारा की जा रही कार्यवाही को अनुचित करार दिया। उन्होंने कहा की सामान्य प्रशासन समिति में शिक्षक पंचायत संवर्ग के विरूद्ध कोई भी कार्यवाही पास नहीं होने देंगे। अपने न्यायोचित मांग के लिये शिक्षको को अपने आंदोलन में डटे रहने कहा।

RSS ने शिक्षक(पं)संवर्ग के मांगो को निराकृत करने हेतु शासन पर बनाया दबाव

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आम शिक्षक(पं)एकता मंच  के संचालक गण RSS प्रमुखो के सम्पर्क में संघ ने शिक्षक(पं)के मांगो को निराकृत करने हेतु शासन पर बनाया दबाव          छ ग.आम शिक्षक(पं/ननि)सवर्ग कर्मचारी एकता मंच के संचालक श्री कमलेश्वर सिंह RSS प्रमुखो से सतत् सम्पर्क बनाये हुए है तथा शिक्षक(पं) की महत्वपूर्ण मांगो को पूर्ण करने हेतु शासन को सुझाव प्रेषित करने का निवेदन कर रहे है। सूत्रो की माने तो रास्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख पदाधिकारियो की राज्य शासन के कुछ सचिव एवम् मंत्रियो से प्रारम्भिक चर्चा हो गयी है जिसमे सम्मानजनक समाधान करने के संकेत मिले है । श्री सिंह के अनुसार  आम शिक्षक(पं) एकता मंच शीघ्र ही एक दो संघ प्रमुखो से सम्पर्क कर चर्चा की जायेगी । भाजपा के कुछ प्रभावशाली राजनीतिज्ञो से सम्पर्क किये जा रहे है तथा कुछ केबिनेट स्तर के मंत्री एवम् सचिव से मिलकर अपना पक्ष रखेंगे ताकि हमारी महत्वपूर्ण मांगो के सम्बद्ध में आदेश जारी हो सके । शिक्षक(पं/ननि)साथियो हम सबका मिला जुला प्रयास निष्फल नही जायेगा । धन्यवाद! वन्दे मातरम्, जय हिन्द, जय भारत ।   ...

शासकीय स्कूलों की दयनीय स्थिति के लिए बहुत हद तक छत्तीसगढ़ की जनता ही जिम्मेदार है।

शासकीय स्कूलों की दयनीय स्थिति के लिए बहुत हद तक छत्तीसगढ़ की जनता ही जिम्मेदार है।       क्या कभी कोई भी व्यक्ति समूह अपने गांव के शासकीय स्कूल की व्यवस्था सुधारने के लिए कभी कोई आंदोलन किया है? जवाब है नहीं। क्यों करें उन्हें अपने बच्चों के भविष्य की चिंता ही नहीं है क्योंकि उनके आसपास फीस देकर पढ़ाने के लिए कोई ना कोई प्राइवेट स्कूल मिल ही जाता है अपनी  गाढ़ी कमाई खर्च करके प्राइवेट स्कूल में पढ़ाना मंजूर है लेकिन अपने गांव के शासकीय स्कूल की दशा सुधारने के लिए कोई कदम नहीं उठाना चाहते। क्योंकि उन्हें अपनी शक्तियों का पता ही नहीं, एक जनता की शक्ति का एक समाज की शक्ति का अगर पता रहता तो वह कोई कदम जरूर उठाता। जब तक इस प्रदेश का नागरिक जागरुक नहीं हो जाता तब तक यही स्थिति बनी रहेगी और शासन शोषण ही करते रहेगी चाहे कोई एक शिक्षक हो या किसान। यहां की सत्ता बाहरी लोगों के ही हाथ में जो यह नहीं चाहती कि यहां की जनता समझदार बने। छत्तीसगढ़ की जनता को यह बात समझनी होगी नहीं तो छत्तीसगढ़ियों का शोषण होते ही रहेगा। गहराई से विचार कीजिए।        ...

जिला पंचायत कबीरधाम, सभापति द्वारा समर्थन पत्र

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जिला पंचायत कबीरधाम के उपाध्यक्ष महोदया श्री मति सीमा अगम अनन्त, सभापति मन्नू चंद्रवंशी एवं लालचंद साहू सभापति आज बोड़ला ब्लॉक धरना स्थल में समर्थन एवं खुला मंच से कहा हम लोग आप लोगो के साथ है। किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाही नही होने का आश्वाशन दिया और आप लोंगो की मांग जायज है। बैठक में हम लोगो के पक्ष में प्रस्ताव पारित करने की बात कही।

छत्तीसगढ़ के कांग्रेस अध्यक्ष श्री भूपेश बघेल का उद्बोधन

श्री भूपेश बघेल ने अपनी सत्ता आने पर शिक्षाकर्मियों की समस्त मांगों को पूरा करते हुए संविलियन करने की घोषणा की है। अब यह तो समय ही बताएगा।

हमारा संविधान

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        "हमारा संविधान" इस जहां कि सबसे बड़ा वरदान उसे कहते हैं भारत का संविधान इसमें हर   समश्या का समाधान उसे कहतें हैं भारत का संविधान.. हर जात पांत का मिटाये निशान कराती मानव मानव की पहेचान बतलाती काम दाम   एक समान उसे कहते हैं भारत का संविधान कानूनी उपचार यहां मिले समान सिखलाती  हमको जीना हैं शान जो  नीत पढ़े वो बन जायें महान उसे कहतें हैं भारत का संविधान भाई चारे बंधुत्व का कराती ग्यान समानता से बढ़ती  हैसबका मान इसमें   हर  समश्या का समाधान उसे  कहते हैं भारत  का संविधान प्रस्तावना में प्रतित गुंथी परिधान कर संकल्प.  हमं  रखलें संग्यान यह सत्य परम सत्य जैसे विग्यान उसे कहते हैं भारत का संविधान         

हक की लड़ाई

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मुड़ म कफन बाँध लो भाई हक ल हमला पाना हे मर जाबो के सर जाबो जी आधू कदम बढ़ाना हे ।।। संसो नी हे मरे जिये के सच के संग गोठियाना हे अपन हक ल पाये बर आधू आधू जाना हे ।। कोन कतके बेईमान हाबे हमला का करना हे जी कोन का करम करत हे हमला शरम नी करना जी हमर हक के बात करबो हमला हक ल पाना हे मुड़ म कफन बाँध लो भाई हक ल हमला पाना हे ।। माँगत माँगत मंगता होगेन सब के नजर म बदनाम हम जोन तोन का मरहा खुरहा सबके सहिथन अपमान हम नी डरावन बानी बाता करबो हक के काम हम मुड़ म कफन बाँध लो भाई हक ल हमला पाना है ।।। चारी चुगरी लिगरी लाखर झन करो ग आपस म  कोन बेचागे मोलवा म झन गोठियाओ आपस म सबके एक ईमान नी होय हमला अपन ईमान बचाना हे मुड़ म कफन बाँध लो भाई हक ल हमला पाना हे ।।। हमरो साथी सब सत नी हाबे जानत हन हम मानत हन गलत सलत ल सजा देवव हम सत के हक ल माँगत हन मुड़ म कफन बाँध लो भाई हक ल हमला पाना हे ।।। हड़ताली शिक्षा कर्मीयो को समर्पित ।।।

सोशल मीडिया का दौर और शिक्षाकर्मी आंदोलन

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सोशल मीडिया का दौर और शिक्षाकर्मी आंदोलन वक़्त रहते मौके की नजाकत को समझ लिया जाय तो यही राजनीति में उत्तम नीति  कहलाती है। शिक्षा कर्मियों के आंदोलन में यही भूपेश बधेल, अजित जोगी ने अपना समर्थन देकर किया है।....बात अलग है कि सत्ता में रहते हुए क्या किया बताने वाली बात नही है।.... कभी शिक्षा कर्मियों की मांगों का समर्थन सूबे के मुखिया सहित तमाम बड़े नेता जो आज मंत्री है उन्होंने भी किया है।.....उनका समर्थन पत्र आज मीडिया सहित सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। वही वर्तमान में समर्थन देने वाले भी शिक्षा कर्मियों के बीच काफी लोकप्रिय हो रहे है। भाजपा के थिंक टैंक और सोशल मीडिया पर  पैनी नज़र रखने वाले  इस शिक्षा कर्मियों के मुद्दे को कितनी गंभीरता से ले रहे है।ये उनके चिंतन का विषय है। प्रदेश की लगभग दो करोड़ पचपन लाख की जनसँख्या में एक लाख अस्सी हजार खुद शिक्षा कर्मी भी शामिल है।और ये प्रदेश के बीस हजार दो सौ सन्तावन सिर्फ़ गांव के लाखों स्कूली छात्रो को पढ़ाने भी जाते है। जबकि स्कूलो की संख्या तो पचास हजार के पार है। यही लाखो शिक्षाकर्मी छात्रों को एक पढ़ाई लिखाई के...