शासकीय स्कूलों को निजीकरण होने से बचाना है, संविलियन कराके ही वापिस आना है।


जनता को जागरूक होना जरूरी है, क्योंकि यदि सरकार शिक्षाकर्मियों का संविलयन नहीं करती है तो चुनाव के बाद सभी स्कूलों का निजीकरण कर दिया जायेगा। फिर NGO के माध्यम से    सरकारी खजाने को लूटा जाएगा। देख लेना अभी शिक्षा विभाग के लिये बजट में जितना राशि स्वीकृत किया जाता है उसमें कितना गुना वृद्धि होगा।.....याद रखना

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