सुविचार
सुविचार
*इंसान नीचे बैठा दौलत गिनता है*
*कल इतनी थी – आज इतनी बढ गयी..*
*ऊपर वाला हंसता है और इंसान की सांसे गिनता है…*
*कल इतनी थीं – आज इतनी कम हो गयीं..*
*"दुनियां के रैन बसेरे में..*
*पता नही कितने दिन रहना है,*
*"जीत लें सबके दिलों को..*
*बस यही जीवन का गहना है..!!"*
*इंसान नीचे बैठा दौलत गिनता है*
*कल इतनी थी – आज इतनी बढ गयी..*
*ऊपर वाला हंसता है और इंसान की सांसे गिनता है…*
*कल इतनी थीं – आज इतनी कम हो गयीं..*
*"दुनियां के रैन बसेरे में..*
*पता नही कितने दिन रहना है,*
*"जीत लें सबके दिलों को..*
*बस यही जीवन का गहना है..!!"*
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