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वित्तीय वर्ष 2017-18 इनकम टैक्स रिटर्न से जुड़ी पूरी जानकारी

वित्तीय वर्ष 2017-18 इनकम टैक्स रिटर्न से जुड़ी पूरी जानकारी टेक्स  स्लैब- 250000/-  =             Nil 251000-500000  =   5% 500001-1000000= 20% 10लाख से अधिक    =30% *वेतन एवम् भत्ते जो आयकर के अंतर्गत है:- *मूल वेतन *महंगाई भत्ता *विशेष भत्ता *बोनस *एरियर *फ़ूड/मेस भत्ता *हार्ड ड्यूटी *आंशिक टेक्सबल भत्ते* *चिकित्सा पुनर्भरण 15000/- वार्षिक तक *मकान किराया भत्ता(HRA) *ट्रांसपोर्ट भत्ता 1600 महीना तक *LTA *टेक्स फ्री भत्ते* *Newspaper/Journal All. Up to 12000/-par year *टेलीफोन/मोबाइल भत्ता ऑफिस काम आने वाला भोजन कूपन 2200 हर माह 👉 *इनकम टैक्स रिटर्न* देश के हर टैक्सपेयर की यह ड्यूटी है कि वह इनकम टैक्स विभाग को हर फाइनैंशल इयर के अंत में उस फाइनैंशल इयर में हुई आमदनी का ब्योरा दे। यह ब्योरा उसे विभाग द्वारा तय फॉर्म में भरकर देना होता है। इस *फॉर्म के जरिये दी गई पूरी जानकारी इनकम टैक्स रिटर्न* कहलाती है। 👉 *फाइनैंशल इयर* 1 अप्रैल से 31 मार्च तक के समय को फाइनैंशल इयर कहा जाता है। उदाह...

Mission samvilyan

वे सभी शिक्षाकर्मी साथी जो इंटरनेट का प्रयोग करते हैं वे घर बैठे ही अपने परिवार के सदस्यों के नाम से  "लोक सुराज में शिक्षाकर्मियों को शिक्षा विभाग में संविलियन" का आवेदन ऑनलाइन भर सकते हैं यह है इसका तरीका 1. - सबसे पहले cg.nic.in/loksuraj में जाये 2. वहाँ main menu को क्लिक करे और उसके बाद ऑनलाइन जनदर्शन को क्लिक करें । 3. रजिस्ट्रेशन के लिए फॉर्म आएगा उसमे विधिवत रूप से अपने परिवार के सदस्य की जानकारी भर दें । पासवर्ड का पहला अक्षर बस caps (A,B,C ETC) रखें बाकी अपनी मर्जी से , जैसे उदाहरण - Vivek@04 उसके बाद नीचे कैप्चा कोड डालकर खुद को रजिस्टर कर ले । 4. रजिस्टर होने के बाद मेन मेनू में फिर जाए और लोकसुराज आवेदन पर क्लिक कर दे । आपका यूजर ID आपका मोबाइल नंबर होगा और पासवर्ड जो आपने बनाया है । अब फॉर्म भर कर अपनी शिकायत दर्ज करा दें । 5. फॉर्म भरते समय संबंधित विभाग के नाम मे "मुख्यमंत्री सचिवालय " को चुने ताकि आवेदन सीधा मुख्यमंत्री कार्यालय प्रेषित हो । आप सभी से निवेदन अधिक से अधिक संख्या में आवेदन भरें  *विवेक दुबे* प्रदेश मीडिया प्रभारी छत्त...

गैरहाज़िर कन्धे

गैरहाज़िर  कन्धे अरुण साहब अपने आपको भाग्यशाली मानते थे। कारण यह था कि उनके दोनो पुत्र आई.आई.टी. करने के बाद लगभग एक करोड़ रुपये का वेतन अमेरिका में प्राप्त कर रहे थे। अरुण साहब जब सेवा निवृत्त हुए तो उनकी इच्छा हुई कि उनका एक पुत्र भारत लौट आए और उनके साथ ही रहे ; परन्तु अमेरिका जाने के बाद कोई पुत्र भारत आने को तैयार नहीं हुआ, उल्टे उन्होंने अरुण साहब को अमेरिका आकर बसने की सलाह दी। अरुण साहब अपनी पत्नी भावना के साथ अमेरिका गये ; परन्तु उनका मन वहाँ पर बिल्कुल नहीं लगा और वे भारत लौट आए। दुर्भाग्य से अरुण साहब की पत्नी को लकवा हो गया और पत्नी पूर्णत: पति की सेवा पर निर्भर हो गई। प्रात: नित्यकर्म से लेकर खिलाने–पिलाने, दवाई देने आदि का सम्पूर्ण कार्य अरुण साहब के भरोसे पर था। पत्नी की जुबान भी लकवे के कारण चली गई थी। अरुण साहब पूर्ण निष्ठा और स्नेह से पति धर्म का निर्वहन कर रहे थे। एक रात्रि अरुण साहब ने दवाई वगैरह देकर भावना को सुलाया और स्वयं भी पास लगे हुए पलंग पर सोने चले गए। रात्रि के लगभग दो बजे हार्ट अटैक से अरुण साहब की मौत हो गई। पत्नी प्रात: 6 बजे जब जागी तो इन...

नव वर्ष

राष्ट्रकवि रामधारी सिंह " दिनकर " जी की कविता :- *ये नव वर्ष हमे स्वीकार नहीं* _*है अपना ये त्यौहार नहीं*_ _*है अपनी ये तो रीत नहीं*_ _*है अपना ये व्यवहार नहीं*_ _*धरा ठिठुरती है सर्दी से*_ _*आकाश में कोहरा गहरा है*_ _*बाग़ बाज़ारों की सरहद पर*_ _*सर्द हवा का पहरा है*_ _*सूना है प्रकृति का आँगन*_ _*कुछ रंग नहीं , उमंग नहीं*_ _*हर कोई है घर में दुबका हुआ*_ _*नव वर्ष का ये कोई ढंग नहीं*_ _*चंद मास अभी इंतज़ार करो*_ _*निज मन में तनिक विचार करो*_ _*नये साल नया कुछ हो तो सही*_ _*क्यों नक़ल में सारी अक्ल बही*_ _*उल्लास मंद है जन -मन का*_ _*आयी है अभी बहार नहीं*_ _*ये नव वर्ष हमे स्वीकार नहीं*_ _*है अपना ये त्यौहार नहीं*_ _*ये धुंध कुहासा छंटने दो*_ _*रातों का राज्य सिमटने दो*_ _*प्रकृति का रूप निखरने दो*_ _*फागुन का रंग बिखरने दो*_ _*प्रकृति दुल्हन का रूप धार*_ _*जब स्नेह – सुधा बरसायेगी*_ _*शस्य – श्यामला धरती माता*_ _*घर -घर खुशहाली लायेगी*_ _*तब चैत्र शुक्ल की प्रथम तिथि*_ _*नव वर्ष मनाया जायेगा*_ _*आर्यावर्त की पुण्य भूमि पर*_ _*जय गान सुनाया...